केंद्र सरकार के द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को तय कर दिया गया है। इस समय देश के अदिकाश क्षेत्रों में गेहूं की कटाई चल रही है। अप्रैल के अंत तक गेहूं की कटाई का कार्य पूर्ण हो जायेगा। रबी सीजन 2024 के लिए कुछ राज्यों में 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हो गई है। किसानों को बाज़ार में गेहूं का 2300 रुपए से लेकर 2350 रुपए प्रति क्विंटल व इससे अधिक का भाव मिल रहा है। सरकार के द्वारा पहली ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा की जा चुकी है। साल 2024-25 के लिए गेहूं का समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इसी बीच मध्यप्रदेश में भी किसान गेहूं की बिक्री के लिए मंदी पहुँच रहे हैं। आइये जानते हैं कि मध्यप्रदेश राज्य के किसानों को मंडी में गेहूं बेचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना होगा।
मध्यप्रदेश गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य बोनस – MP Gehu MSP Bonus
इस साल मध्यप्रदेश की सरकार किसानों को गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीद पर बोनस देने जा रही है। सरकार के द्वारा 125 रुपए का बोनस निर्धारित किया गया है। किसानों को एमएसपी पर गेहूं बिक्री करने में किसी भी प्रकार की परेशानी ना आये इसके लिए दिशा निर्देश जारी कर दिया गए हैं। जबलपुर जिलाधीश (कलेक्टर) दीपक कुमार सक्सेना के द्वारा यह दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं।
MP Gehu Slot Booking 2024 करवाना है अनिवार्य
बोनस की वजह से मध्यप्रदेश के किसान MSP पर गेहूं बिक्री के लिए मंडी पहुँच रहे हैं। किसानों कोई परेशानी का सामना न करना पड़े इस वजह से दीपक कुमार सक्सेना द्वारा दिशा निर्देश जारी किये गए हैं। उन्होंने किसानों को Gehu Slot Booking 2024 करवाने के बाद एफएक्यू गुणवत्ता की उपज खरीदी केन्द्रों पर लाने की सलाह दी है। इसी के साथ उन्होंने बताया है कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी बिना उपार्जन केंद्रों पर बिना स्लॉट बुकिंग के आये गेहूं की खरीददारी ना करने के निर्देश दिए हैं।
MP Gehu Slot Booking 2024 Details
मध्यप्रदेश के किसानों को यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचना है तो उन्हें MP Gehu Slot Booking 2024 करवाना अनिवार्य है। उपार्जन केंद्र पर बिना स्लॉट बुकिंग के किसानों के गेहूं की खरीदी नहीं की जाएगी। बिना स्लॉट बुकिंग के गेहूं की खरीदी पर रोक लगा दी गयी है। अधिकारीयों और कर्मचारियों को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं।
साफ़ सुथरे गेहूं लेकर पहुंचे किसान
जबलपुर कलेक्टर सक्सेना द्वारा किसानों को भी निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने किसानों को हिदायत दी है कि सभी किसान साफ और सुथरा गेहूं ही उपार्जन केंद्रों पर बिक्री के लिए लेकर पहुंचे। यदि किसान Slot Booking करने के बाद नान-एफएक्यू गेहूं लेकर पहुंचते हैं, तो ऐसी स्थिति में उन्हें अपने खर्चे पर उसे अपग्रेड करवाना होगा।
समिति द्वारा रसीद जरूर लेंवें
यदि किसान मंडियों में गेहूं की सफाई करवाते हैं या उसे अपग्रेड करवाते हैं तो उसका शुल्क मंदी समीति को देना अनिवार्य है। किसान उस शुल्क की रसीद जरूर प्राप्त करें। यदि किसान को रसीद नहीं दी जाती है, तो यह अवैध वसूली मानी जावेगी। समिति के खिलाफ सख्त कदम उठाए जायेंगे। उपार्जन केंद्रों गेहूं तुलवाने के बाद उन्हें तुरंत बोरी में भरा जाएगा और किसान टैग लगाए जायेंगे। बिना किसान टैग लगी बोरियां यदि प्राप्त होती है तो इसे गंभीर अनियमितता माना जाएगा।
इन राज्यों में शुरू हुई न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी
बता दें कि जिन राज्यों में गेहूं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू हुई है, उसमें मध्यप्रदेश के साथ पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व उत्तरप्रदेश शामिल हैं। इन राज्यों में 1 अप्रैल से खरीददारी शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश में किसान मंडी में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
राज्य में व्यापारी न्यूनतम समर्थन मूल्य से ज्यादा गेहूं की कीमत किसानों को दे रहे हैं। इस वजह से किसान मंडियों में गेहूं बेचने नहीं आ रहे हैं। कुछ किसानों का कहना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य मंडी में गेहूं बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होता है और यहाँ कई सारी परेशानी का भी सामना करना पडता है। जब व्यापारियों से अच्छा दाम मिल रहा है तो मंडियों में जाकर परेशान क्यों होना।
गेहूं का भाव
जानकारी के अनुसार गेहूं के वर्तमान भाव पर नजर डाली जाये तो इसका औसतन मूल्य 2384.29 रुपए प्रति क्विंटल है। अच्छी गुणवत्ता वाले गेहूं का भाव 3575 रुपए प्रति क्विंटल है। जबकि सबसे कम गेहूं का रेट 1700 रुपए प्रति क्विंटल है। बाजार में इस समय गेहूं का जो भाव है उससे किसान काफी ज्यादा खुश नजर आ रहे हैं।