PM Kusum Yojana – किसानों के हित में केंद्र सरकार कई साड़ी कल्याणकारी सरकारी योजनाओं को संचालित कर रही है। केंद्र सरकार के द्वारा खाद किसानों के लिए पीएम कुसुम योजना को चलाया जाता है। इस योजना की मदद से किसान अपने खेतों में सुविधाजनक रूप से सिंचाई कर सकते हैं। पीएम कुसुम योजना के माध्यम से किसानों को सोलर पंप अपने खेतों में स्थापित करने पर सब्सिडी प्रदान की जाती है। आइये आपको केंद सरकार की प्रधानमंत्री कुसुम योजना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं।
पीएम कुसुम योजना क्या है?
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कुसुम योजना को प्रारंभ किया है। किसानों को खेतों में फसलों की सिंचाई करने के लिए पानी की जरुरत होती है। पानी को इस स्थान से दुसरे स्थान के लिए पम्प की मदद लेते हैं लेकिन इसके लिए उनकी बिजली खपत काफी ज्यादा होती है। पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत सरकार साधारण पम्पों के स्थान पर किसानों को सोलर पम्प दे रही है। योजना की मदद से सरकार किसानों को 90 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान कर रही है। बता दें कि सरकार 3 से लेकर 10 एचपी तक के सोलर पंप को उपलब्ध करवा रही है। पीएम कुसुम योजना हेतु ऑनलाइन आवेदन कर किसान सब्सिडी हासिल कर सकते हैं।
योजना का उद्देश्य
किसानों को किसी भी खेती की फसल उगाने के लिए पहले काफी खर्चा करना पड़ता है। खेत में सिंचाई की व्यवस्था करनी होती है। सिंचाई के लिए अधिकतर किसान डीजल पम्पों का इस्तेमाल करते हैं, जिस वजह से उनकी लागत बढ़ जाती है। किसानों की लगत को कम करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने पीएम कुसुम योजना को शुरू किया है। योजना की मदद से किसान अपने खेतों में लगे डीजल पम्पों को सोलर पम्प से बदल सकते हैं।
योजना के नियम व पात्रता
- पीएम कुसुम योजनाका लाभ लेने के लिए किसानों की पात्रता निर्धारित की गई। योग्यता से सम्बंधित जानकारी नीची दी गई है।
- वहीँ किसान योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं जिनके पास खुद का बोरिंग है।
- सोलर पंप बुकिंग करने के लिए किसान को 5 हजार रुपए की टोकन मनी जमा करनी होगी।
- यदि किसान के खेत में बोरिंग नहीं पाया जाता तो उसकी टोकन मनी को जब्त कर लिया जायेगा।
- किसान के पास 2 एचपी के लिए 4 इंच, 3 व 5 एचपी के लिए 6 इंच तथा 5 एचपी एवं 10 एचपी के लिए 8 इंच की बोरिंग होना अनिवार्य है।
- यदि सोलर पम्प स्थापित हो जाने के बाद किसान इनके स्थान को परिवर्तित करना चाहता है तो अनुदान की पूरी राशि किसान से वापस ले ली जावेगी।
धनराशि और अनुदान की राशि
- 3 HP DC समर्सिबल पम्प की कीमत 232721 रुपये है, इस पर सरकार 139633 रुपए का अनुदान देती है। जबकि किसान को अपनी जेब से 88088 रुपये देना होगा जिसमें 5 हजार रुपए की टोकन मनी भी शामिल है।
- 3HP AC समर्सिबल पम्प की कीमत 230445 रुपये है, इस पर सरकार 138267 रुपए का अनुदान देती है। जबकि किसान को अपनी जेब से 87178 रुपये देना होगा, इसमें भी 5 हजार रुपए की टोकन मनी शामिल है।
- 5HP AC समर्सिबल पम्प की कीमत 327498 रुपये है, सरकार द्वारा इस पर 196499 रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। किसान को 5 हजार रुपए की टोकन मनी के साथ 125999 रुपये देना होगा।
- 5 AC समर्सिबल पम्प की कीमत 444094 रुपये है। इस पर सरकार 266456 रुपए के अनुदान दे रही है। टोकन मनी के साथ किसान को कुल 172638 रुपये खर्च करने होंगे।
- 10 HP AC समर्सिबल पम्प की कीमत 557620 रुपये है, जिस पर सरकार किसान को 266456 रुपए का अनुदान दे रही है। तोमन मनी के साथ किसान को कुल 284164 रुपए खर्च करना होगा।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के लिए दस्तावेज
- आवेदन किसान का आधार कार्ड
- किसान का राशन कार्ड
- रजिस्ट्रेशन की कॉपी
- ऑथराइजेशन लेटर
- जमीन जमाबंदी की कॉपी
- मोबाइल नंबर
- बैंक खाता की जानकारी
- पासपोर्ट साइज फोटो
- चार्टर्डअकाउंटेंट द्वारा जारी किया गया नेटवर्थ सर्टिफिकेट
प्रधानमंत्री कुसुम योजना ऑनलाइन आवेदन / बुकिंग डिटेल
यदि किसान इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो उन्हें सबसे पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूरा करना होगा। इस दौरान किसान को 5 हजार रुपए की टोकन मनी भी जमा करनी होगी। आगे आपको इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की स्टेप बाय स्टेप प्रक्रिया बताई गई है।
- सबसे पहले किसान को योजना से सम्बंधित आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- योजना के लिए बुकिंग करने हेतु रजिस्ट्रेशन करने के लिए आपको 5 हजार रुपए की टोकन मनी देनी होगी।
- आधिकारिक वेब साईट के होम पेज पर आपको PM-KUSUM पर क्लिक करना होगा।
- आपकी स्क्रीन पर आवेदन फॉर्म खुल जायेगा।
- सबसे पहले अपने राज्य का चयन करना होगा।
- इसके बाद फॉर्म में पूछी गयी सभी जरूरी जानकारी को दर्ज करना होगा।
- मांगे गए सभी दस्तावेजों को अपलोड कर दें।
- अब पंजीयन रसीद का प्रिंट लेकर इसे अपने पास सुरक्षित रख लें।
- आवेदन सफलतापूर्वक होने के बाद जमीन का भौतिक परीक्षण किया जायेगा।
- परिक्षण होने के बाद कुल खर्च का दस प्रतिशतकिसान को जमा करना होगा।
- सफलतापूर्वक सोलर पम्प स्थापित होने के बाद सब्सिडी की राशि किसान के बैंक खाते में जमा करवा दी जाएगी।