पेड़ी गन्ने की अधिक पैदावार के लिए टिप्स, किसानों की बढ़ेगी आय, कमाई होगी लाखों में

Written by Priyanshi Rao

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अगर आप किसान भाई पेड़ी गन्ने की खेती की पैदावार और बढ़ाना चाहते हैं और इससे आप मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो आप बिल्कुल सही लिखो पढ़ रहे हैं। किसानों को गन्ने की पेड़ियों का उचित ध्यान देना चाहिए। ज्यादा मेहनत लेकिन सही देखभाल नहीं करने से पेड़ियों का पूरा विकास नहीं होता, जिससे उत्पादन में कमी होती है। गन्ना अधिकारी ने बताया कि बहुत से किसान समझते हैं कि पेड़ियों की फसल जितनी लागत नहीं होती, पर यह गलतफहमी है।

पेड़ियों का क्षेत्रफल आमतौर पर 50 प्रतिशत होता है, लेकिन सही देखभाल नहीं करने से उत्पादन में कमी आ सकती है। गन्ने की पेड़ियों को सही तरीके से देखभाल करने से अधिक उत्पादन और बेहतर गुणवत्ता हासिल हो सकती है। पेड़ी गन्ने की अधिक पैदावार के लिए यहां हमने टिप्स दिए हैं और इन टिप्स के बारे में जानने के लिए आप लेख को शुरू से लेकर अंतिम तक पड़े और किसी भी जानकारी को बिल्कुल भी मिस ना करें।

पेड़ी गन्ना किसे कहते हैं

जब किसी किसान ने एक फसल को काट लिया हो तो उसी में दूसरी फसल उगाने को हम पेड़ी या मोढ़ी कहते हैं।

पेड़ी गन्ने की अधिक पैदावार के लिए टिप्स

पेड़ी गन्ने खेती के पैदावार को बढ़ाने के लिए और इसे मुनाफाक अत्यधिक कमाने के लिए आपको यहां पर हमने कुछ दिखाएं हैं और हम टिप्स को फॉलो करिए आसानी से आप अपनी पैदावार बढ़ाने के साथ आमदनी भी बढ़ा सकेंगे।

  1. कटाई कर रख ध्यान

गन्ने की अच्छी उत्पादनक्षमता के लिए, गन्ने को खेत की मिट्टी की सतह से निकालना बहुत महत्वपूर्ण है। जब आप गन्ने को इस तरीके से निकालते हैं, तो कल्ले और जड़ें भी बाहर निकलती हैं। इससे गन्ने की पौधों को और ज्यादा अवसादित माटी मिलती है, जिससे वे अधिक ऊर्जा और पोषण अवश्य प्राप्त कर सकते हैं। यह कई बार किसान भाई नहीं करते हैं, लेकिन यह एक अत्यंत प्रभावी तकनीक है जो गन्ने की उत्पादनक्षमता को बढ़ा सकती है। इसलिए, कृपया इस सलाह का पालन करें और अपने खेत के गन्ने के उत्पादन में सुधार देखें।

  1. गन्ने के रोगों को पहचान कर कम करे

यदि खेत में लाल सड़न, उकठा या कंडुवा रोग का प्रकोप हो तो उस परिस्थिति में किसान भाइयों को चाहिए की खेत में पेड़ी की फसल नहीं लेनी चाहिए। यदि ऐसे खेत में गन्ने की फसल लेना जरूरी हो तो इसके लिए पौधे गन्ने के ठूंठ की छंटाई जरूरी है। इस काम के लिए गन्ना समितियों में आरएमडी यंत्र उपलब्ध है जो ट्रैक्टर से चलता है उसका उपयोग किया जा सकता है।

  1. पेड़ी गन्ने फसल पर विशेष रूप से रख रखाव पर ध्यान दें

पेड़ी में गन्ने की फसल को बेहतर ढंग से पालने के लिए एक नया तकनीक है – इथोफोन दवा का उपयोग। इस तकनीक में, हम 50 मिली इथोफोन दवा को 500 लीटर पानी में मिलाते हैं और इस मिश्रण को पेड़ी में छिड़काव करते हैं। इथोफोन दवा फसल के विकास को प्रोत्साहित करता है और पौधों के संवर्धन को बढ़ाता है। इसके परिणामस्वरूप, फसल की वृद्धि में वृद्धि होती है और पौधे जल्दी से स्वस्थ बढ़ने लगते हैं। यह तकनीक पेड़ी में प्राकृतिक रूप से फसल के प्रदर्शन को बढ़ाने में मदद करती है और उत्पादकता को बढ़ाती है।

  1. सूखी पत्ती के अवशेष पर कम करे

जब खेत में पौधों के सूखे पत्ते गिरे हों, तो उन्हें दोनों पंक्तियों के बीच फैलाकर सिंचाई कर देना चाहिए। इससे मिट्टी में नमी बनी रहती है। किसान भाई इन छोटी-छोटी बातों पर विशेष रूप से ध्यान नहीं देते पर यह काफी काम की बात है, इसीलिए आप इस तकनीक को भी इस्तेमाल जरूर करें।

  1. कीट पतंग को हटाए

पेड़ी की फसल को काले चींटों, दीमक, सैनिक कीट और मिलीबग कीटों से बचाव के लिए कीटनाशक रसायन का उपयोग करें (क्लोरोपैरिफॉस 50 प्रतिशत और 5 प्रतिशत साईपर)। इसे 400 मिलीलीटर की मात्रा में 400 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ में छिड़काव करें।

  1. उचित और सही मात्रा में उर्वरक इस्तेमाल करे

गन्ने के पेड़ों को पौष्टिक बनाने के लिए 20 से 25 प्रतिशत उर्वरक की आवश्यकता होती है। इसके लिए 220 किलोग्राम नाइट्रोजन, 80 किलोग्राम फॉस्फोरस, और 80 किलोग्राम पोटाश का उपयोग होता है। इस मात्रा को गोबर की सड़ी खाद, जैव उर्वरक, और रासायनिक उर्वरकों से पूरा किया जा सकता है। इसके लिए 10 किलोग्राम एजोबेक्टर और 10 किलोग्राम पीएसबी को 5 क्विंटल सड़ी गोबर की खाद के साथ मिलाकर दोनों लाइनों के बीच डालकर गुदाई करनी चाहिए।

  1. फफूंदजनित रोगों से बचाव करे

गन्ने के पौधों को फंगल इन्फेक्शन से बचाने के लिए ट्राईकोडर्मा का उपयोग किया जा सकता है। ट्राईकोडर्मा एक प्रकार का फंगस है जो पौधों को रोगों से बचाने में मदद करता है। इसे गोबर की खाद में मिलाकर प्रयोग किया जाता है। गोबर की खाद में 10 किलोग्राम प्रति एकड़ ट्राईकोडर्मा मिलाने से पौधों को रोगों से बचाव में सहायता मिलती है। यह ट्राईकोडर्मा पौधों को सुरक्षा प्रदान करता है, जिससे उन्हें फंगल इन्फेक्शन की संभावना कम होती है। गोबर की खाद में ट्राईकोडर्मा मिलाने के लिए, पहले गोबर को पानी में घोलकर तैयार किया जाता है। इसके बाद उसमें ट्राईकोडर्मा का पाउडर मिलाया जाता है और फिर पौधों के निकट इसे छिड़का जाता है। यह एक प्रभावी तरीका है जो पौधों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

  1. पौधों के बीच की दूरी को कम करे

जब गन्ने की पेड़ी में खाली जगह नजर आए, तो वहां को जल्द से जल्द भर देना चाहिए। यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यदि पेड़ी में खाली जगह है, तो यह उस पेड़ी की उपज को कम कर सकता है। जितनी जल्दी संभव हो, उतनी जल्दी उसे भर देना चाहिए। इसे करने में थोड़ा समय लग सकता है, परंतु इससे पेड़ी की उपज बढ़ाने में मदद मिलेगी और आपको अधिक मुनाफा कमाने में सहायक होगी। इसलिए, जरूरी है कि आप अपनी पेड़ी की देखभाल को ध्यान से करें और उसमें खाली जगहों को भरने का प्रयास करें।

  1. समय-समय पर निराई गुड़ाई करते रहें

गन्ने के पेड़ों को समय-समय पर काटना और उनकी ठीक से सिंचाई करना बहुत महत्वपूर्ण है। जब हम गन्ने के पेड़ों को नियमित अंतराल पर काटते हैं, तो यह उनकी स्वस्थ विकास को सुनिश्चित करता है। साथ ही, उचित सिंचाई से पेड़ों को पोषण मिलता है और उनकी उत्पादकता भी बढ़ती है। इससे गन्ने का उत्पादन भी बढ़ता है और किसानों को अधिक फायदा मिलता है।

About Priyanshi Rao

मेरा नाम प्रियांशी राव है और मैं इस ब्लॉग की संचालक हूं। इस ब्लॉग पर मैं कृषि से जुड़े विषयों पर जानकारी देती है। मैंने कृषि विषय से अपनी पढाई की है और इस वजह से शुरुआत से ही मुझे कृषि से सम्बंधित कार्यों में काफी रूचि रही है। हरियाणा के एक गावं की रहने वाली हूं और उम्मीद करती हूं की मेरे द्वारा दी गई जानकारी किसान भाइयों के बहुत काम आ रही होगी। आप मुझे निचे दी गई ईमेल के जरिये संपर्क कर सकते है।

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