देसी मुर्गी पालन करके लाखों में होगी कमाई, देखें देशी मुर्गी का पालन करने का पूरा प्रोसेस

Written by Priyanshi Rao

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किसान भाइयों हमारा देश अंडा उत्पादन के दृष्टिकोण से तीसरे नंबर पर और मांस उत्पादन के क्षेत्र में पांचवें नंबर पर आ चुका है अर्थात आप चाहे तो देसी मुर्गी का पालन या फिर किसी भी अन्य पशुपालन व्यवसाय को शुरू करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। यदि किसान भाई आप देसी मुर्गी पालन का व्यापार शुरू करना चाहते हो, तो आप इसे अपने गांव क्षेत्र में ही बेहद कम लागत में शुरू कर सकते हैं और इतना ही नहीं इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए सरकार भी आपको सपोर्ट करेगी।

देसी मुर्गी पालन के व्यवसाय को करके आप महीने की लाखों रुपए की कमाई आसानी से कर सकते हैं, बशर्ते आपको इस व्यवसाय को शुरू करने के बारे में पूरी सही जानकारी मालूम होनी चाहिए। किसान भाइयों आज मैं आप सभी लोगों को देसी मुर्गी पालन क्या व्यवसाय कैसे शुरू करते हैं? के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाला हूं इसलिए आप लेख में दी गई किसी भी जानकारी को बिल्कुल भी मिस ना करें और इसे शुरू से लेकर अंतिम तक ध्यान से जरूर पढ़ें।

भारत में देसी मुर्गी पालन का इतिहास

भारत में देसी मुर्गी पालन का इतिहास प्राचीन है। 1925 में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में रॉड आइलैंड रेड नस्ल की शुरुआत हुई। 1940 में अफगानिस्तान से ब्रायलर नस्ल की मुर्गियों का आयात हुआ। उसके बाद, 1960 में भारत में विभिन्न नस्लों की नई आईं।

वर्तमान में, मुर्गी पालन भारत में बड़ा उद्यम है, जो गाँवों में रोजगार के अवसर प्रदान करता है। हमारे देश में लगभग 30 से 35 लाख से भी अधिक लोगों को पोल्ट्री फार्मिंग के व्यापार से रोजगार मिल पा रहा है तो कहीं ना कहीं इसकी अहम भूमिका है और इस व्यापार को शुरू करने में आपका ही फायदा है।

भारत में मांस और अंडे की डिमांड 

भारत में मांस और अंडे की डिमांड बढ़ रही है। इसके पीछे कुछ मुख्य कारण हैं: जनसंख्या का वृद्धि, अर्थव्यवस्था का विकास, शहरीकरण, स्वास्थ्य की चिंता, और होटल और रेस्टोरेंट्स में वृद्धि। इन कारणों से मांस और अंडे की डिमांड बढ़ रही है। अर्थात हम और आप आसानी से पोल्ट्री फार्मिंग का बिजनेस शुरू कर सकते हैं और इस बिजनेस से अच्छा मुनाफा कमा सकता है।

देसी मुर्गियों की प्रमुख नस्ल

किसान भाई अगर आप देसी मुर्गी पालन के व्यापार को शुरू करने पर विचार कर ही चुके हो तो आपको इसकी प्रमुख नस्लों के बारे में भी मालूम होना चाहिए और इसके लिए आप नीचे दिए गए जानकारी को ध्यान से पढ़ें।

  1. ग्रामप्रिया देसी मुर्गी: इन मुर्गियों से हमें अंडे और मांस दोनों मिलता है। इनका वजन 1500 ग्राम से 2000 ग्राम के बीच होता है और इनकी वार्षिक अंडे की उत्पादन 210 से 225 के बीच होती है।
  2. श्रीनिधि: इन मुर्गियों का वजन 2.5 से 5 किलोग्राम तक होता है और ये तेजी से विकसित होती हैं। इनसे अधिक मांस और अंडे मिलते हैं।
  3. वनराजा देसी मुर्गी: इन मुर्गियों की वार्षिक अंडे की उत्पादन 120 से 140 के बीच होती है। ये अन्य प्रजातियों की तुलना में कम सक्रिय होती हैं।
  4. कड़कनाथ: कड़कनाथ मुर्गा, जिसका मूल नाम कालामासी है, भारतीय मध्य प्रदेश की प्राचीन नस्ल में से एक है। इसका मांस अधिक प्रोटीन से भरपूर होता है और यह विभिन्न चिकित्सीय उपयोगों के लिए भी जाना जाता है। कड़कनाथ मुर्गी हर साल लगभग 80 अंडे देती है। इसकी प्रमुख किस्में जेट ब्लैक, पेन्सिल्ड और गोल्डेन हैं।
  5. असेल नस्ल: यह एक खास मुर्गी है जो भारत के राजस्थान, उत्तर प्रदेश, और आंध्र प्रदेश में पाई जाती है, और ईरान में भी देखी जा सकती है। इसका वजन दो से चार किलोग्राम तक होता है और इसके बाल चमकीले होते हैं। इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है क्योंकि इसका व्यवहार थोड़ा अजीब होता है।

देसी मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू करने में लागत

देसी मुर्गी पालन एक उपयुक्त व्यवसायिक विकल्प हो सकता है जिसमें कम लागत में शुरू किया जा सकता है। आपको इस व्यवसाय में निम्नलिखित लागतों का ध्यान रखना होगा:

  1. छोटी सी मुर्गी के बच्चों (चिक्स) की खरीद: आपको ब्रीड की चिक्स की खरीद करनी होगी जिसकी लागत आमतौर पर 20 से 40 रुपये प्रति चिक्स तक हो सकती है।
  2. ब्रूडर: ब्रूडर मशीन की लागत लगभग 15,000 से 30,000 रुपये तक हो सकती है, जो अंडों को ब्रीड करने में मदद करती है।
  3. आवास: मुर्गियों के लिए आवास की लागत लगभग 10,000 से 20,000 रुपये के बीच हो सकती है।
  4. खुराक: अच्छी खुराक की लागत प्रतिदिन प्रति मुर्गी लगभग 5 से 10 रुपये हो सकती है।
  5. स्वास्थ्य सेवाएं: रोग नियंत्रण और वैक्सीनेशन के लिए वेटरिनरी सेवाओं की लागत लगभग 500 से 2000 रुपये प्रति मुर्गी हो सकती है।
  6. ब्यूरोक्रेसी और अन्य लागतें: व्यापार पंजीकरण, कर, बीमा आदि की अन्य लागतें भी हो सकती हैं।

पोल्ट्री फार्मिंग का बिजनेस शुरू करने के लिए सरकारी योजनाएं

पोल्ट्री फार्मिंग व्यवसाय की शुरुआत के लिए कई सरकारी योजनाएं उपलब्ध हैं। यहां कुछ सरकारी योजनाएं दी जा रही हैं जो भारत में पोल्ट्री फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रदान की जाती हैं:

  • पशुपालन वित्त योजना (Pashu Kisan Credit Card Scheme): पशुपालकों को क्रेडिट कार्ड सुविधा और ऋण प्रदान की जाती है।
  • राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (National Agriculture Development Scheme): अनुदान पोल्ट्री फार्मिंग संरचनाओं और पशुओं की खरीदारी के लिए।
  • राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य अभियान (National Animal Health Programme): पशु स्वास्थ्य के लिए अभियान, पोल्ट्री फार्मिंग के पशुओं को भी लाभ पहुंचाता है
  • ग्रामीण उत्पादन एवं आधुनिकीकरण योजना (Rural Entrepreneurship and Modernization Scheme): ग्रामीण क्षेत्रों में पोल्ट्री फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए अनुदान।
  • मुख्यमंत्री कृषि संचालन योजना (Chief Minister Agricultural Operation Scheme) : राज्यों में कृषि विकास के लिए योजनाएं, जिसमें पोल्ट्री फार्मिंग शामिल हो सकती है।

देसी मुर्गी पालन कैसे करें

देसी मुर्गी पालन करने के लिए आपको यहां पर कुछ चरण बताए हैं और आप नीचे दी गई जानकारी को पढ़कर आसानी से इस व्यापार को शुरू कर सकते हैं।

  1. योजना बनाएं: संख्या और स्थान के आधार पर योजना बनाएं।
  2. जगह चुनें: सुरक्षित और स्वास्थ्यपूर्ण जगह का चयन करें।
  3. चारा और पोषण: अच्छे चारा और पोषण प्रदान करें।
  4. साफ-सफाई: रहने के स्थान को साफ रखें।
  5. स्वास्थ्य देखभाल: नियमित वैश्विक रोग जांच कराएं।
  6. ब्रीडिंग और अंडे: अच्छे ब्रीडर्स का चयन करें।
  7. निरीक्षण और देखभाल: नियमित निरीक्षण और देखभाल करें।
  8. बाजार में बेचें: अगर बेचना है, तो उचित बिक्री और प्रचार करें।

देसी मुर्गी पालन का बिजनेस शुरू करने के लिए प्रशिक्षण

देसी मुर्गी पालन का व्यापार अगर आप शुरू करना चाहते हो और आपको इस व्यापार से संबंधित कोई भी जानकारी नहीं मालूम है तो आपको निराश होने की आवश्यकता नहीं है। आप अपने नजदीकी कृषि केदो पर जाकर भी इससे संबंधित जानकारी और ट्रेनिंग ले सकते हैं ताकि आप इस व्यापार को अच्छे से चला सके और आप इससे अच्छा मुनाफा कमा सके। मैं आपको बताना चाहूंगा कि सरकार की तरफ से इस प्रकार के व्यवसाय को करने से संबंधित जो भी ट्रेनिंग होती है वह सब कुछ निशुल्क प्रदान की जाती है।

पोल्ट्री फार्मिंग का बिजनेस शुरू करने के लिए सरकार कितना सब्सिडी देती है 

पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस के लिए सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सब्सिडी प्रदान करती है। सब्सिडी की राशि उत्पादन, क्षेत्र, और निवेश पर निर्भर करती है। सामान्य वर्ग के लोगों को 25% छूट, जबकि एसटी/एससी वर्ग के लोगों को 35% तक की छूट मिलती है। आपके इलाके में स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क करें।

देसी मुर्गी पालन का बिजनेस करने के फायदे

देसी मुर्गी पालन का व्यवसाय अगर शुरू करते हैं तो आपको अनेकों फायदे होंगे और उनमें से कुछ इस प्रकार से नीचे निम्नलिखित बताए गए हैं।

  • देसी मुर्गी पालन किसानों के लिए अच्छा विचार है।
  • इसका बाजार में बड़ी डिमांड है।
  • देसी मुर्गी से अच्छे दाम मिलते हैं।
  • इसे बैकयार्ड मुर्गी के रूप में भी पाला जा सकता है।
  • गरीब किसान इसे कम लागत में शुरू कर सकते हैं।
  • यह उनकी आमदनी बढ़ा सकता है और अतिरिक्त साधन बन सकता है।

देसी मुर्गी पालन के बिजनेस से कमाई 

अगर आप 1000 मुर्गियों से देसी मुर्गी पालन का व्यापार शुरू करते हैं, तो पहले साल में आप 3 लाख रुपए के अंडे बेच सकते हैं। बाद में, आप मुर्गियों को चिकन के लिए बेच सकते हैं। इससे 3 से 4 लाख रुपए की कमाई होगी। खर्च लगभग 1 से 1.5 लाख रुपए होगा, और साल में 5 से 6 लाख रुपए का लाभ होगा। आगे बढ़ने पर, आपका पूंजी लागत कम हो जाएगा।

About Priyanshi Rao

मेरा नाम प्रियांशी राव है और मैं इस ब्लॉग की संचालक हूं। इस ब्लॉग पर मैं कृषि से जुड़े विषयों पर जानकारी देती है। मैंने कृषि विषय से अपनी पढाई की है और इस वजह से शुरुआत से ही मुझे कृषि से सम्बंधित कार्यों में काफी रूचि रही है। हरियाणा के एक गावं की रहने वाली हूं और उम्मीद करती हूं की मेरे द्वारा दी गई जानकारी किसान भाइयों के बहुत काम आ रही होगी। आप मुझे निचे दी गई ईमेल के जरिये संपर्क कर सकते है।

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